मौर्य साम्राज्य संबंधित जानकारी | Maurya Empire Related Knowledge in Hindi
इस लेख में मौर्य साम्राज्य (Maurya Empire) संबंधित जानकारी दी गयी है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह जानकारी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं UPSC, PSC, SSC, रेलवे, पुलिस, Navy, विद्युत विभाग, NET इत्यादि के लिए बहुत उपयोगी है। इस जानकारी की pdf फ़ाइल लेख के अंत में दी गयी है, जिसे आप फ्री में डाउनलोड कर सकते है।
● आधिकारिक सम्राट अशोक का किस नाम से उल्लेख है→ प्रियदस्सी
● सम्राट अशोक की राष्ट्रीय उपाधि थी → देवानांप्रिय
● बराबर गुफा अभिलेख में अशोक किस संबोधन से उद्धृत है→ प्रियदस्सी राजा
● महेंद्र व संघमित्रा की माता का क्या नाम था→ महादेवी
● कुणाल की माता का क्या नाम था → पद्मावती
● तिवर की माता का क्या नाम था → कारूवाकी
● अशोक की मुख्य रानी कौन थी → असंघमित्रा
● बौद्ध धर्म प्रचारक मज्झंतिक का गंतव्य स्थान क्या था → कश्मीर और गांधार
● प्रचारक महादेव का गंतव्य स्थान क्या था→ महिष्मंडल
● महारक्षित को प्रचार हेतु कहाँ भेजा गया → यवन राज्य
● धर्मरक्षित को प्रचार हेतु कहाँ भेजा गया → अपरांतक
● हिमालय प्रदेश में धर्म प्रचार हेतु किसे भेजा गया → मज्झिम
● महाराष्ट्र में धर्म प्रचारक कौन था → महाधर्मरक्षित
● सुवर्ण भूमि में धर्म प्रचारक कौन थे → सोन और उत्तरा
● शाहबाजगढ़ी तथा मानसेहरा शिलालेख किस लिपि में हैं → खरोष्ठी
● गिरनार, धौली, कालसी, जौगढ़, सोपारा, एर्रागुड़ी अभिलेख किस लिपि में है → ब्राह्मी
● शाहबाजगढ़ी शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → पेशावर
● मानसेहरा शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → हजारा
● गिरनार शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → काठियावाड़
● धौली शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → पुरी (उड़ीसा)
● जौगढ़ शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → गंजाम (उड़ीसा)
● सोपारा शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → थाणे (महाराष्ट्र)
● एर्रागुड़ी शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → कुर्नूल (आ.प्र.)
● ब्रह्मगिरी, जटिंग रामेश्वर, सिद्धपुर शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुए थे → ब्रह्मगिरी (कर्नाटक)
● गुर्जरा शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था→ दतिया (म.प्र.)
● 'भाब्रु (वैराट) शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → जयपुर (राजस्थान)
● साओमारी शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुआ था → शहडोल (म.प्र.)
● तक्षशिला व लंपाक या लमगाम शिलालेख कहाँ से प्राप्त हुए थे → पाकिस्तान
● सारनाथ स्तंभ लेख की खोज 1905 ई. में किसने की → ओटैल
● रुम्मिनदेई तथा निग्लीवा स्तंभ लेख की खोज किसने की → फीहरर
● मौर्य काल में खान एवं धातुकर्म नियंत्रक का प्रधान कौन होता था → अकाराध्यक्ष
● चंद्रगुप्त मौर्य ने किसकी सहायता से मगध के शासक धनानंद का वध करके मगध पर अधिकार किया → चाणक्य
● भारत में ऐसी कौन-सी नदी थी जिसमें कुछ भी तैर नहीं सकता था → सिलास
● मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र को किस नाम से पुकारा→ पालिव्रोथा
● इंडिका के अनुसार भारत में गंगा और सिंधु सहित कितनी नदियाँ थीं → 58
● चंद्रगुप्त का साम्राज्य उत्तर में हिमालय तक तथा पश्चिम में कहाँ तक फैला था → हिंदूकुश
● चंद्रगुप्त मौर्य ने अपने शासन काल के अंत में किस धर्म को स्वीकार कर लिया था → जैन धर्म
● यूनानी लेखकों ने किसे अमित्रोकेटीज या अमित्रघात की उपाधि दी थी → बिंदुसार
● दिव्यावदान के अनुसार बिंदुसार की मंत्रिपरिषद में कितने मंत्री थे → 500
● बिंदुसार के 101 पुत्रों में सबसे बड़ा कौन था → सुमन (सुसीम)
● अशोक अपने पिता बिंदुसार का कौन-से क्रम का पुत्र था → द्वितीय
● बिंदुसार का सबसे छोटा पुत्र कौन थाbकिस स्रोत के अनुसार अशोक ने 99 भाइयों की हत्या करके सिंहासन प्राप्त किया→ सिंहली
● कलिंग युद्ध में लड़ते हुए कितने व्यक्ति मारे गए→ एक लाख
● अशोक ने कलिंग युद्ध में कितने व्यक्ति कैद किए → एक लाख पचास हजार
● अशोक ने कितने स्तूपों का निर्माण कराया था → 84,000
यह भी पढ़ें:-
● बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र व पुत्री संघमित्रा को कहाँ भेजा → श्रीलंका
● अशोक धम्म की परिभाषा कहाँ से ली गई → राहुलोवादसुत्त● अशोक के व्यक्तिगत जीवन की जानकारी किससे मिलती है→ अशोक के लघु शिलालेखों से
● किस बौद्ध भिक्षु ने अशोक को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया था → निग्रोथ
● अंतिम मौर्य शासक वृहद्रथ की हत्या उसके किस सेनापति ने की थी → पुष्यमित्र शुंग
● किस काल में राजा की निजी सुरक्षा हेतु सशस्त्र अंगरक्षिकाएँ होती थीं → मौर्य काल
● कौटिल्य के अर्थशास्त्र में मंत्रियों के लिए तीर्थ शब्द आया है तथा इनकी संख्या कितनी है → 18
● मेगस्थनीज के अनुसार जिले के अधिकारियों को क्या कहा जाता था → एग्रोनोमोई
● मौर्यकाल में साम्राज्य का सर्वोच्च न्यायाधीश कौन होता था → सम्राट
● गुप्तचर विभाग के प्रमुख को मौर्यकाल में क्या कहा जाता था→ महामात्यापसर्प
● मौर्यकाल में राज्य की आय का मुख्य स्रोत क्या था→ भूमि-कर
● राजकीय भूमि से प्राप्त आय को क्या कहा जाता था → सीता
● किस काल में कृषकों को सिंचाई कर भी देना होता था→ मौर्य काल
● मौर्य साम्राज्य में प्रतिवर्ष होने वाली जनगणना कार्य के विभाग का नाम क्या → मर्दुमशुमारी
● कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में कितने प्रकार के दासों का उल्लेख किया है → 9
● मेगस्थनीज ने भारतीय समाज को कितनी जातियों (भागों) में बाँटा → 7
● किस काल में बलि एक प्रकार का धार्मिक कर था → मौर्य काल
● मौर्य काल में मलमल के लिए बंग तथा रेशम के लिए क्या विख्यात था → पुण्ड्र
● मौर्य काल में रेशम का आयात कहाँ से होता था→ चीन
● कौटिल्य ने समुद्री मार्गों का उल्लेख किस नाम से किया → संयानपथ
● मौर्यकाल में कौन-कौन से धर्म प्रचलित थे→ वैदिक, बौद्ध, जैन, आजीवक
● किस काल में ब्राह्मणों को राज्य की ओर से भूमि दान में मिलती थी → मौर्य काल
● मौर्य काल में प्रचलित 36 शिल्प की जानकारी किससे मिलती है → महावस्तु
● चोर को पकड़ने वाले को क्या कहते थे→ चोररज्जु
● लेखा अधिकारी क्या कहलाता था→ करणिक
● हाथियों की रक्षक क्या कहलाता था → नागवनपाल
● खुदरा बाजार प्रबंधक क्या कहलाता था→ पण्याधिष्टाधार
● लिपिक क्या कहलाता था → तत्पुरुष (लेखक)
● मौर्यकालीन कर आयुधीय का स्रोत क्या था → सैनिक आपूर्ति
● गुल्म कर का स्रोत क्या था→ सैनिक कर
● निष्क्रम्य कर का स्रोत क्या था→ निर्यात कर
● सेना रख-रखाव (सेना के प्रमाण के लिए तेल तथा चावल के रूप में) कौन-सा कर था → सेनाभक्तम
● विशेष अवसरों पर राजा को दी जाने वाली भेंट को क्या कहते थे → औपायनिक
● अधिक लाभ होने पर व्यापारियों से कौन-सा कर लिया जाता था → पाश्र्व
● सरकारी जलाशयों से नीचे की भूमि पर लगाया जाने वाला कर कौन-सा था → कौष्ठे यक
● सरकारी भूमि पर पशुओं द्वारा की गई हानि के हर्जाने के रूप में कौन-सा कर था→ परिहीनक
● पशुओं की रक्षा के लिए कौन-सा कर लिया जाता था → विवीत
● सिंचाई कर को क्या कहते थे → उदक भाग
● आयकर को क्या कहते थे → वारिका देय
● आपातकालीन कर को क्या कहा जाता था → प्रणय
● मौर्यकालीन स्तूप जिसकी चोटी चपटी तथा उसके ऊपर रखे धातु पात्र को क्या कहते थे→ हर्मिका
● हर्मिका के बीच में स्तूप पर क्या लगी होती थी → यष्टि
● यष्टि के ऊपर तीन की संख्या में लगे होते थे, क्या कहलाते थे→ छत्र
● चन्द्रगुप्त मौर्य का शासनकाल कौन-सा था → 323-295 ई.पू.
● चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए वृषल तथा कुलहीन शब्द किस ग्रंथ में उल्लिखित हैं → मुद्राराक्षस
● बौद्ध साहित्य महावंश व दिव्यावदान में इसे क्या कहा गया है → क्षत्रिय
● मयूर पोषकों के सरदार का दोहित्र चन्द्रगुप्त मौर्य का उल्लेख कहाँ पर है→ हरिभद्र टीका, पुण्याश्रव कशा कोश
● डॉ. रोमिला थापर ने इसे क्या माना है → वैश्य
● चन्द्रगुप्त ने किसके साथ विवाह किया → सेल्यूकस की पुत्री
● 1846 में इंडिका को किसने संग्रहित किया → शानबैक
● इस पुस्तक को नया नाम क्या दिया गया → मेगस्थनीज इंडिका
● मेगस्थनीज ने तत्कालीन भारत का पूर्व से पश्चिम विस्तार कितना बताया→ 28,000 स्टेडिया
● मेगस्थनीज ने तत्कालीन भारत का उत्तर से दक्षिण की ओर विस्तार कितना बताया → 32,000 स्टेडिया
● चन्द्रगुप्त मौर्य की दक्षिण विजय की जानकारी किन तमिल ग्रंथों से मिलती है→ अहनानूरु व पुरनानुरु
● जैन परंपरा के अनुसार उसने कितने वर्ष शासन के बाद संन्यास धारण किया → 24 वर्ष
● बिंदुसार का शासनकाल कौन-सा था → 298-272 ई.पू.
● जैन धर्म के अनुसार बिंदुसार की माँ कौन थी → दुर्धरा
● पौराणिक अनुश्रति में बिंदुसार के लिए क्या शब्द मिलते हैं → नंदसार व भद्रसार
● किस ग्रंथ में इसे बिंदुपाल नाम दिया गया है→ चीनी
● बौद्ध ग्रंथों के अनुसार बिंदुसार की 16 रानियों में प्रमुख कौन थी → सुभ्रदांगी
● बिंदुसार के दरबार में कौन-सा यूनानी राजदूत आया था → डाइमेकस
● मिस्र के शासक ने राजदूत को भारत भेजा → डायोनिसस
● बिंदुसार ने सीरियाई राजा एंटियोकस प्रथम से कौन-सी तीन चीजें मैगाई थी→ मीठी मदिरा, सुखी अंजीर, एक दार्शनिक (सोफिस्ट)
● इन तीनों चीजों में सीरियाई नरेश ने कौन-सी वस्तु नहीं भिजवाई → दार्शनिक (सोफिस्ट)
● अशोक ने शाक्यकुलीन विदिशा की किस राजकुमारी से विवाह किया → महादेवी
● बिंदुसार के विभिन्न नामों में अमित्रकेटे का उल्लेख किस ग्रंथ में है → यूनानी
● बिंदुसार के अमित्रघात (दुश्मनों की हत्या करने वाला) नाम का उल्लेख किस ग्रंथ में है → संस्कृत
● बिंदुसार के अमित्रखण्ड (दुश्मनों को खाने वाला) नाम का उल्लेख किस→ संस्कृत
● बिंदुसार को मित्रचट्टम नाम किसने दिया → एथेनीयस
● बिंदुसार को आल्लीट्रांड्स नाम किसने दिया → स्ट्रेबो
● बिंदुसार को सीमसेन नाम किसने दिया → राजबानीकध
● बिंदुसार का बिंदुपाल नाम का उल्लेख किस चीनी साहित्य में है→ फाथ्योन चुलीन
● बिंदुसार का भद्रसार नाम किस ग्रंथ में उल्लिखित है→ वायु पुराण
● सिंहसेन नाम किस ग्रंथ में उल्लिखित है→ जैन ग्रंथ
● भाब्रु अभिलेख में अशोक की किस उपाधि का उल्लेख है→ मगध का राजा
● जूनागढ़ अभिलेख में इसे क्या नाम दिया गया → अशोक मौर्य
● पुराण में इसे किस नाम से संबोधित किया गया→ अशोक वर्धन
● कौटिल्य के अर्थशास्त्र में मंत्रियों के लिए कौन-सा शब्द आया है→ तीर्थ
● मंत्रियों (तीर्थ) की संख्या कितनी बताई है → 18
● राजदरबार, सीमा तथा अन्य राजकीय द्वारों का संरक्षक क्या कहलाता था→ दौवारिक
● अंतःपुर का अध्यक्ष कौन होता था → अंतर्वेदिक
● आय का संग्रहकर्ता क्या कहलाता था → सन्निधाता
● कारागारों का अध्यक्ष कौन होता था→ प्रशास्ति
● फौजदारी न्यायालय का न्यायाधीश कौन होता था→ प्रदेष्टा
● नगर-रक्षा का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ नायक
● नगर का कोतवाल (नागरक) क्या कहलाता था→ पौर
● प्रमुख न्यायाधीश क्या कहलाता था→ व्यावहारिक
● उद्योगों एवं कारखानों का अध्यक्ष कौन होता था→ कर्मान्तिक
● पुलिस एवं अनुशासन विभाग का अध्यक्ष कौन होता था→ दण्डपाल
● राजकीय दुर्गरक्षकों का अध्यक्ष कौन था → दुर्गपाल
● सीमावर्ती दुर्गों का रक्षक कौन कहलाता था → अंतपाल
● इनमें पुरोहित, प्रधानमंत्री तथा सेनापति को कितना वार्षिक वेतन मिलता था → 48,000 पण
● समाहर्ता तथा सन्निधाता को वार्षिक वेतन कितना मिलता था → 24,000 पण
● कौटिल्य के अर्थशास्त्र में खान एवं धातुकर्म नियंत्रक को क्या कहते थे→ अकाराध्यक्ष
● लेखा नियंत्रक क्या कहलाता था → अक्षपटलाध्यक्ष
● आयुध-विभाग का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ आयुधागाराध्यक्ष
● कारागार का अध्यक्ष क्या कहलाता था → बंधनागाराध्यक्ष
● आबकारी विभाग का अध्यक्ष क्या कहलाता था → सुराध्यक्ष
● वेश्याओं का निरीक्षक क्या कहलाता था → गणिकाध्यक्ष
● कताई-बुनाई का अध्यक्ष क्या कहलाता था → सूत्राध्यक्ष
● गोदाम का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ कोष्टागाराध्यक्ष
● वन उत्पादों का अध्यक्ष कौन होता था → कृप्यायक्ष
● टकसाल का प्रमुख कौन होता था → लक्षणाध्यक्ष
● नमक आयुक्त क्या कहलाता था → लवणाध्यक्ष
● सर्वेक्षण एवं समयपालक कौन होता था → मनाध्यक्ष
● पासपोर्ट विभाग का अध्यक्ष कौन होता था → मुद्राध्यक्ष
● जहाज वाहन नियंत्रक कौन होता था → नावाध्यक्ष
● राज्य व्यापार नियंत्रक कौन होता था → पण्याध्यक्ष
● बंदरगाह नियंत्रक कौन होता था→ पत्तनाध्यक्ष
● पैदल सेनाध्यक्ष क्या कहलाता था → पत्याध्यक्ष
● माप-तौल नियंत्रक कौन होता था → पौतवाध्यक्ष
● निजी व्यापार नियंत्रक कौन होता था → संस्थाध्यक्ष
● राजसी भूमि का अध्यक्ष क्या कहलाता था→ सीताध्यक्ष
● पशुओं का रक्षक एवं बूचड़खाना नियंत्रक कौन होता था→ सुनाध्यक्ष
● चारागाह नियंत्रक कौन होता था→ विविताध्यक्ष
● धातु विभाग का अध्यक्ष कौन होता था → लोहाअध्यक्ष
● सोने के विभाग का अध्यक्ष क्या कहलाता था → सुवर्णाध्यक्ष
● वेश्या प्रमुख को क्या कहते थे → गणिका
● महावत क्या कहलाता था → हस्तिपक
● कार्य अधिकारी क्या कहलाता था → कार्मिक
● नदी रक्षक क्या कहलाता था → नदीपाल
● भंडारपाल क्या कहलाता था → निधायक (निविग्रह)
● परिचायक क्या कहलाता था→ परिकार्मिक
● मुद्रा निरीक्षक क्या कहलाता था→ रूपदर्शक
● सीमापाल क्या कहलाता था→ सौमिक
● लेखपाल क्या कहलाता था→ संख्यात्मक
● अधीनस्थ अधिकारी क्या कहलाता था → उपायुक्त
● मेगस्थनीज द्वारा वर्णित पाटलिपुत्र शासन के लिए 30 सदस्यीय कितनी समितियों का वर्णन किया गया है → छः
● उद्योग एवं शिल्प कार्य का निरीक्षण किस समिति के अधीन था → प्रथम समिति
● विदेशियों की देखरेख किस समिति के अधीन थी→ द्वितीय समिति
● जन्म-मरण का विवरण रखना किस समिति के अधीन था → तृतीय समिति
● व्यापार एवं वाणिज्य की देखभाल किस समिति के अधीन थी → चतुर्थ समिति
● निर्मित वस्तुओं के विक्रय का निरीक्षण किस समिति के अधीन था → पंचम समिति
● बिक्री कर वसूल करना किस समिति के अधीन था→ षष्ठम समिति
● मौर्यकालीन सैन्य प्रणाली में सेनानायक को कितना वार्षिक वेतन मिलता था → 12,000 पण
● सेना की व्यवस्था किस समिति के अधीन थी → प्रथम
● यातायात एवं रसद की व्यवस्था किस समिति के अधीन थी→ द्वितीय
● पैदल सैनिकों की देख-रेख किस समिति के अधीन थीं → तृतीय
● अश्वारोही सेना की देख-रेख किस समिति के अधीन थी → चतुर्थ
● हाथियों की सेना का रख-रखाव किस समिति के अधीन था → पंचम
● रथ सेना की देख-रेख किस समिति के अधीन थी → षष्ठम
● मौर्यकालीन स्तंभ पर सिंह, बैल की आकृति किस परंपरा का अनुकरण है → सिंधु
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