बढ़ईगीरी में प्रयुक्त ड्रिलिंग और बोरिंग उपकरण | Drilling and Boring tools Used in Carpentry in Hindi
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बढ़ईगीरी में प्रयुक्त ड्रिलिंग और बोरिंग उपकरण | Drilling and Boring tools Used in Carpentry in Hindi |
लकड़ी में गोल छेद करने की क्रिया को वेधन (Boring) कहते हैं। साधारणतः किसी धातु में छेद करने की क्रिया को ड्रिलिंग कहते हैं। छिद्रण तथा वेधन करने के निम्न औज़ार हैं:-
Auger |
1. Auger (ऑगर):- ऑगर इस्पात का बना होता है। इसके एक और एक नुकीला पेंच बना होता है जिससे औजार लकड़ी में छेद बनाता है। पेंच के एक सिरे पर दो कर्तन धारे बनी होती हैं जो कटाई का काम करती है। दो सर्पिलो के बीच खाली स्थान को फ्लूट कहते हैं। जिससे छीलन बाहर निकलता है। यह औज़ार 4000 मिमी या अधिक के होते हैं, जिसमें 6 मिमी से 50 मिमी तक व्यास में छेद किए जा सकते हैं। दस्ते को हाथ में पकड़ कर लकड़ी को उपयुक्त स्थान पर रखकर तथा बल लगाकर दक्षिणावर्त घुमाने से छेद बन जाता है।
Bradawl |
2. Bradawl (सुम्बा):- इसमें इस्पात का एक ब्लेड होता है जिसका एक सिरा चपटा होता है और दूसरा सलामीदार होता है। लकड़ी के दूसरे सिरे पर दस्ता लगा होता है, जिस पर फेरुल भी चढ़ा रहता है। हाथ से छेद करने का या बहुत ही सरल हथियार है।
3. Gilmet (बरमी या गिलमेट):- यह छोटे छेद करने के लिए एक सरल औजार है। इसका एक मुख्य भाग इस्पात की छड़ है जिसका एक सिरा नुकीला होता है तथा दूसरे सिरे में दस्ता लगा होता है। दस्ते को हाथ में दबाकर दक्षिणावर्त घुमाने पर छेद बन जाता है।
4. Brace and Bit (ब्रेस तथा बिट):- कटाई के सभी औजार जो लकड़ी में छेद करने के लिए प्रयोग किया जाता है, अनी या बिट कहलाते है। जबकि धातु की दशा में ऐसे ही औज़ार ड्रिल कहलाते हैं। लकड़ी की दशा में इनमें अस्थाई दस्ते नहीं लगाए होते परंतु इसमें कोई धारक लगाकर प्रयोग किया जाता है, तो यह धारक 'ब्रेस' कहलाते हैं।
कुछ प्रमुख अनियाँ निम्न प्रकार हैं:-
Center Bit |
ii) Twist Bit (मरोड़ी अनी):- इसमें दो राउटर और दो काटने वाले स्पूर होते हैं। इसका केंद्र पेंच दार होता है। राउटर रेशों के लंबवत अच्छी तरह कटाई करता है। यह 5 - 38 मिमी तक व्यास वाली साइजों में मिलती है। दोनों स्पूर सर्पीले आकार में ऐंठी होती है।
iii) Gedges :- इस प्रकार की अनीयों में राऊटर पीछे की ओर मुड़े होते हैं तथा अंतिम रेशे पर अच्छी प्रकार क्रिया करते हैं। मरोड़ी अनीयां एकल ऐठन वाली भी होती हैं।
iv) Countersinking Bit (शंखुखनन अनी):- पेंचों को लकड़ी के सिरों में धसानें के लिए एक इस अनी का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की शंखुखनन अनी अन्य सभी शंखुखनन अनीयों में सर्वश्रेष्ठ है। इसका मुख्य भाग 90 डिग्री पर शंकु आकार का एक सिरा है जिसमें कर्तन धारे होती हैं।
v) Expansion Bit (प्रसार अनी):- इस प्रकार की अनी से ही समंजक कर्तन की सीमा के अंदर विभिन्न व्यासों में छेद किए जा सकते हैं। यह 12 मिमी से 75 मिमी व्यास के छेद करने के काम आती है। कभी-कभी निर्धारित गहराई के छेद के लिए अनीयों पर गहराई गेज का भी प्रबंधन होता है।
Braces (ब्रेस):- दो मुख्य प्रकार के ब्रेसों का वर्णन निम्न प्रकार है:-
Ordinary Brace |
Ratchet Brace |
Hand Drill |
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