भारत में इंटरनेट का विकास कैसे हुआ
इस आर्टिकल में 'भारत में इंटरनेट का विकास कैसे हुआ?' की जानकारी दी गयी है। भारत में इंटरनेट का आरम्भ 20वीं सदी के आठवें दशक के अंतिम वर्षों में अर्नेट (शिक्षा और अनुसंधान) नेटवर्क के रूप में हुआ था। इसके लिये भारत के इलेक्ट्रॉनिक विभाग और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी थी। इस परियोजना में अनेक प्रमुख संस्थानों जैसे-राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी केंद्र (मुंबई), भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science, Bangalore),पांचों भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और इलेक्ट्रॉनिक निदेशालय शामिल थे। अर्नेट का आज व्यापक प्रसार हो चुका है और वह शिक्षा और शोध समुदाय को देशव्यापी सेवाएं दे रहा है।
भारत में इंटरनेट का विकास कैसे हुआ |
भारत में आम आदमी के लिये Internet का आगमन 15 अगस्त, 1995 को हुआ, जब विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने देश में अपनी सेवाएं प्रारम्भ की। शरू के कछ वर्षों तक इंटरनेट की पहुँच काफी धीमी रही, लेकिन हाल के वर्षों में VSNL के उपभोक्ताओं की संख्या में जबर्दस्त इज़ाफा हुआ है। 1999 में टेलीकॉम क्षेत्र निजी कम्पनियों के लिये खोल दिये जाने के फलस्वरूप अनेक नये सेवा प्रदाता (Service Providers) बेहद प्रतिस्पर्धा विकल्पों के साथ सामने आये।
अनेक राज्य सरकारों ने भी सूचना प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने वाली नीतियाँ अपनायी हैं। इनमें ग्राम स्तर तक सम्पर्क और पहुंच बनाने के उद्देश्य पर मुख्य बल दिया है। भारतीय रेल द्वारा कम्प्यूटरीकृत आरक्षण, आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शहरों के मध्य सूचना प्रणाली की स्थापना तथा केरल सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 'फास्ट रियालबल इंस्टैंट एफीशिएंट नेटवर्क फॉर डिस्वेसमेंट ऑफ सर्विसेज (फ्रेंड्स) जैसी पेशकशों ने इस दिशा में देश के आम नागरिकों की अपेक्षाओं को काफी बढ़ा दिया है।