राजस्थान का गठन सामान्य ज्ञान

Juhi
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राजस्थान का गठन सामान्य ज्ञान

नमस्कार दोस्तों, Gyani Guru ब्लॉग में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में राजस्थान का गठन(Formation of Rajasthan) से संबंधित सामान्य ज्ञान दिया गया है। इस आर्टिकल में राजस्थान का गठन संबंधित जानकारी का समावेश है जो अक्सर परीक्षा में पूछे जाते है। यह लेख राजस्थान पुलिस, पटवारी, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, बिजली विभाग इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है।


राजस्थान का गठन सामान्य ज्ञान, formation of rajasthan
राजस्थान का गठन सामान्य ज्ञान

वर्तमान राजस्थान का स्वरूप विभिन्न सात चरणों की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 30 मार्च, 1949 को बना, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है-


मत्स्य संघ 18 मार्च, 1948

प्रथम महत्वपूर्ण चरण में 27 फरवरी, 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली की रियासतों का   विलीनीकरण कर 18 मार्च, 1948 को 'मत्स्य संघ' का निर्माण हुआ। जिसका नाम श्री कन्हैयालाल माणिक्यलाल मुंशी के सुझाव पर 'मत्स्य' रखा गया। जिसका उद्घाटन तत्कालीन केन्द्रीय खनिज एवं विद्युत मंत्री श्री नरहरि विष्णु गाडगिल ने किया।


राजस्थान संघ 25 मार्च, 1948

एकीकरण के दूसरे महत्वपूर्ण चरण में 25 मार्च, 1948 को कोटा, बूंदी, झालावाड़, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, किशनगढ़, टोंक, कुशलगढ़ (चीफशिप्स) और शाहपुरा रियासतों को मिलाकर "राजस्थान संघ” का निर्माण किया गया, जिसका उद्घाटन भी श्री नरहरि विष्णु गाडगिल ने ही किया।


संयुक्त राजस्थान 18 अप्रैल, 1948

तीसरे चरण में 18 अप्रैल, 1948 को उदयपुर रियासत का राजस्थान संघ में विलीनीकरण होने पर संयुक्त राजस्थान' का निर्माण हुआ। जिसका उद्घाटन इसी दिन उदयपुर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने किया। वस्तुतः वर्तमान राजस्थान का स्वरूप इसी समय बना और यहीं से इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।


वृहद् राजस्थान 30 मार्च, 1949

चौथे चरण में 14 जनवरी, 1949 को उदयपुर की एक सार्वजनिक सभा में सरदार पटेल ने जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, लावा (चीफशिप्स) और जैसलमेर रियासतों को वृहद् राजस्थान में सैद्धांतिक रूप से सम्मिलित होने की घोषणा की। इस निर्णय को मूर्त रूप देने के लिए सरदार पटेल ने 30 मार्च, 1949 को जयपुर में आयोजित एक समारोह में वृहद राजस्थान का उद्घाटन किया।


संयुक्त वृहद राजस्थान (मत्स्य का विलय) 15 मई, 1949

1 मई, 1949 को भारत सरकार ने मत्स्य संघ को वृहद राजस्थान में मिलाने के लिए विज्ञप्ति जारी की और 15 मई, 1949 को मत्स्य संघ वृहद् राजस्थान का अंग बन गया। साथ ही नीमराना (चीफशिप्स) को भी इसमें शामिल कर लिया गया।


राजस्थान (सिरोही का विलय) 7 फरवरी, 1950

संयुक्त बृहद् राजस्थान सिरोही के विलय के प्रश्न पर राजस्थान एवं गुजरात नेताओं के मध्य काफी मतभेद थे। अतः 26 जनवरी, 1950 में सिरोही का विभाजन करने और आबू व देलवाड़ा तहसीलों को बम्बई प्रान्त और शेष भाग को राजस्थान में मिलाने का फैसला लिया गया। इसकी क्रियान्विति 7 फरवरी, 1959 को हुई। लेकिन आबू व देलवाड़ा को बम्बई प्रान्त में मिलाने के कारण राजस्थान वासियों में व्यापक प्रतिक्रिया हुई, जिससे 6 वर्ष बाद राज्यों के पुनर्गठन के समय इन्हें वापस राजस्थान को देना पड़ा।


वर्तमान राजस्थान (अजमेर का विलय) 1 नवम्बर, 1956

भारत सरकार द्वारा श्री फजल अली की अध्यक्षता में गठित राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1 नवम्बर, 1956 को तत्कालीन अजमेर मेरवाड़ा राज्य भी राजस्थान में विलीन कर दिया गया। इसी के साथ मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की मानपुरा तहसील का ग्राम 'सुनेल टप्पा' राजस्थान में शामिल किया गया जबकि राजस्थान के झालावाड़ जिले का ग्राम 'सिरोंज' मध्य प्रदेश को स्थानान्तरित किया गया। इस प्रकार से वर्तमान राजस्थान के निर्माण की प्रक्रिया सात चरणों में समाप्त हुई और 19 देशी रियासतों और 3 चीफशिप्स वाले क्षेत्रों की जनता राजतंत्र से मुक्त होकर लोकतंत्र की मुख्यधारा में शामिल हुई। भारत सरकार द्वारा गठित राव समिति की सिफारिशों के एक आधार पर 7 सितम्बर, 1949 को जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी बनी।


नए जिलों का विवरण


नाम

जिला स्थापना की दिनांक

क्षेत्रफल

(वर्ग किमी)

धौलपुर

15 अप्रैल, 1982

3033

दौसा

10 अप्रैल, 1991

2950

बारां

10 अप्रैल, 1991

6955

राजसमंद

10 अप्रैल, 1991

4768

हनुमानगढ़

12 जुलाई, 1994

12690

करौली

19 जुलाई, 1997

6014

प्रतापगढ़

26 जनवरी, 2008

-


➤ बारां, दौसा व राजसमंद नये जिले क्रमशः कोटा, जयपुर व उदयपुर जिलों में से बनाये गये।

➤ हनुमानगढ़ जिला श्रीगंगानगर जिले में से 12 जुलाई, 1994 को बनाया गया।

➤ करौली नया जिला जुलाई 1997 में सवाई माधोपुर में से बनाया गया।

➤ उदयपुर, बाँसवाड़ा व चित्तौड़गढ़ जिलों का पुनर्गठन कर प्रतापगढ़ जिले का सृजन 26 जनवरी, 2008 को किया गया।


यह भी पढ़ें:-


राजस्थान के संभाग


संभाग

जिले

जयपुर

जयपुर, अलवर, दौसा, सीकर एवं झुंझुनूं


कोटा

कोटा, बाराँ, बूंदी एवं झालावाड़

उदयपुर

उदयपुर, प्रतापगढ़, राजसमन्द, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा एवं दूंगरपुर

जोधपुर

जोधपुर, पाली, जालौर, सिरोही, बाड़मेर एवं जैसलमेर

बीकानेर

बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर एवं चुरु

अजमेर

अजमेर, टोंक, नागौर एवं भीलवाड़ा

भरतपुर

भरतपुर, सवाई माधोपुर, धौलपुर एवं करौली


राजस्थान में निर्वाचन क्षेत्र


विधानसभा क्षेत्र

200

आरक्षित विधानसभा क्षेत्र

57

लोकसभा क्षेत्र

25

आरक्षित लोकसभा क्षेत्र

7

राज्यसभा सीट

10


राजस्थान के बोर्ड व निगम


बोर्ड/निगम

मुख्यालय

राजस्थान पर्यटन विकास निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य विद्युत मण्डल

जयपुर

राजस्थान वित्त निगम

जयपुर

राजस्थान राजस्व मण्डल

अजमेर

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य बीज निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड

जयपुर

राजस्थान राज्य भूमि विकास निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य पुस्तक मण्डल

जयपुर

राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड

जयपुर

इन्दिरा गाँधी नहर मण्डल

जयपुर

राजस्थान राज्य प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण मण्डल

जयपुर

राजस्थान राज्य सहकारी ऊन फेडरेशन लि.

जयपुर

राजस्थान राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन लि.

जयपुर

राजस्थान राज्य बुनकर सहकारी संघ लि.

जयपुर

राजस्थान राज्य सेतु एवं निर्माण विभाग

जयपुर

राजस्थान भूमि विकास निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य खान एवं खनिज विकास निगम

उदयपुर

राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम

जयपुर

राजस्थान ऊर्जा विकास अभिकरण

जयपुर

राजस्थान लघु उद्योग निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य हथकरघा विकास निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य औद्योगिक एवं विनियोजन निगम

जयपुर

राजस्थान राज्य टंगस्टन विकास निगम लि.

जयपुर

श्रीगंगानगर शुगर मिल्स लि.

जयपुर

राजस्थान राज्य वाटर सप्लाई एवं सीवरेज

मैनेजमेन्ट बोर्ड

जयपुर


पंचायती राज व्यवस्था

➤ राजस्थान में ग्रामीण स्तर पर पंचायती राज से संबंधित अधिनियम वर्ष 1953 में लागू हुआ।

➤ 2 अक्टूबर, 1959 को पं. नेहरू ने 'नागौर' में पंचायती राज व्यवस्था का उद्घाटन किया।

➤ राजस्थान सरकार ने 1959 ई. में 'राजस्थान पंचायत समिति और जिला परिषद अधिनियम पारित किया।

➤ इससे राज्य में पंचायती राज की त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू हुई-


ग्राम स्तर

ग्राम पंचायत

ब्लॉक स्तर

पंचायत समिति

जिला स्तर

जिला परिषद


➤ वर्तमान में तीनों स्तरों के लिए पंचायती राज अधिनियम, 1994 है। इसमें कुल 124 धाराएँ हैं।

➤ राजस्थान प्रथम राज्य है जिसमें ग्राम सभा के स्थान पर वार्ड सभा बनायी गई है।

➤ तीनों स्तरों पर चुने गए जनप्रतिनिधि-


ग्राम पंचायत

सरपंच

पंचायत समिति

प्रधान

जिला परिषद

जिला प्रमुख


• ग्राम पंचायतें ➞9,894

• पंचायत समितियाँ ➞ 295

•जिला परिषदें ➞ 33


यह भी पढ़ें:-


नगरीय व स्थानीय स्वशासन

➤ राजस्थान टाउन म्यूनिसपेलिटी एक्ट, 1951 ई. में पारित किया गया।

➤ राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 1959 में पारित किया गया।

➤ राजस्थान में स्वतंत्रता पूर्व स्थापित नगरपालिकाएँ


आबू

1815 ई.

अजमेर व ब्यावर

1867 ई.

जयपुर

1869 ई.

बीकानेर, कोटा व जोधपुर

1885 ई.


वर्तमान स्वरूप 


नगर निगम

7 (जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर,

अजमेर, उदयपुर व कोटा)

नगर परिषद

34

नगर पालिका

143

नगर निकाय

184


जिलेवार पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों की संख्या


क्र. स.

जिले का नाम

पंचायत समिति

ग्राम पंचायत

1

अजमेर

9

282

2

अलवर

14

512

3

बाँसवाड़ा

11

346

4

बाराँ

7

221

5

बाड़मेर

17

489

6

भरतपुर

10

374

7

भीलवाड़ा

12

384

8

बीकानेर

7

290

9

बूँदी

5

183

10

चित्तौड़गढ़

11

290

11

चूरू

7

254

12

दौसा

6

234

13

धौलपुर

5

171

14

डूंगरपुर

10

291

15

श्री गंगानगर

9

336

16

हनुमानगढ़

7

251

17

जयपुर

15

532

18

जैसलमेर

3

140

19

जालौर

8

274

20

झालावाड़

8

252

21

झुंझुनूं

8

301

22

जोधपुर

16

466

23

करौली

6

227

24

कोटा

5

155

25

नागौर

14

467

26

पाली

10

321

27

प्रतापगढ़

5

165

28

राजसमंद

7

207

29

सवाई माधोपुर

6

200

30

सीकर

9

343

31

सिरोही

5

162

32

टोंक

6

230

33

उदयपुर

17

544



295

9894


उम्मीद है यह 'राजस्थान का गठन' सामान्य ज्ञान लेख आपको पसंद आया होगा। इस आर्टिकल से आपको राजस्थान gk, राजस्थान GK इन हिंदी, Rajasthan General Knowledge in Hindi, Rajasthan Samanya Gyan, राजस्थान सामान्य ज्ञान हिंदी इत्यादि की जानकारी मिलेगी। यदि आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव है तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।

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